अचानक राकेश की नींद टूटती है और वह खुद को एक घने जंगल में पाता है। चारों ओर पेड़-पौधे और जंगल की खामोशी फैली हुई थी। उसकी नजरें एक बुढ़े व्यक्ति पर जाती हैं, जो धीमी आवाज में कुछ मंत्र बुदबुदा रहा था। जैसे ही राकेश ने उसकी तरफ देखा, वह व्यक्ति सिर झुकाते हुए मुस्कुराया और खुद को श्याम बताया।
श्याम ने कहा, "काश तुम कुछ दिन और रुकते, तो तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जाती।" राकेश को यह सब समझ नहीं आ रहा था। वह घबराते हुए श्याम से पूछता है, "मैं यहां कैसे आया? मुझे कुछ याद नहीं आ रहा। मैं कौन हूं?"
श्याम ने आश्चर्यचकित होकर कहा, "कल ही तो मैंने तुम्हें पूरी कहानी सुनाई थी, क्या तुम भूल गए?" लेकिन राकेश की याददाश्त में कुछ भी नहीं था।
इसी दौरान अचानक एक तेज़ चमक दिखाई देती है, और राकेश खुद को अपनी झोपड़ी में पाता है, जहाँ वह पहले सो रहा था। कुछ समय तक वह समझने की कोशिश करता है कि उसके साथ क्या हो रहा है।
वह कॉलेज जाता है और टाइम ट्रेवल के बारे में किताबों में खोज करता है, लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिलता। फिर वह एक पुस्तकालय में जाकर समय यात्रा पर पढ़ाई शुरू करता है। उसे अब यह एहसास होने लगता है कि वह अतीत में समय यात्रा कर चुका है। अब उसका मन भविष्य में समय यात्रा करने का था।
ठीक तभी एक और फ्लैश चमकता है और राकेश फिर से श्याम के पास लौट आता है। श्याम उसे देखता है और खुशी से झुककर प्रणाम करता है, जैसे वह कोई देवदूत हो। श्याम मंत्र पढ़ने लगता है और राकेश को बताता है कि उनके कबीले पर एक दुश्मन कबीला हमला करने वाला है, और उसे कबीले की रक्षा करनी होगी।
राकेश, जो अब तक समय यात्रा का ज्ञान प्राप्त कर चुका था, श्याम से कहता है, "मैं कोई देवदूत नहीं हूं, मैं टाइम ट्रेवल से यहां आया हूं।" लेकिन श्याम उसकी बात नहीं मानता। उसे समय यात्रा का कोई ज्ञान नहीं था। फिर एक और फ्लैश चमकता है और राकेश खुद को फिर से पुस्तकालय में पाता है।
राकेश अब उस कबीले के बारे में सोचता है और उन्हें बचाने के लिए हथियार बनाने की योजना बनाता है। वह पुस्तकालय से कुछ विशेष किताबों का सहारा लेकर हथियार बनाने की विधियाँ और फार्मूला खोजता है। वह घर जाते समय फिर से एक फ्लैश देखता है और वह वापस श्याम के पास आ जाता है।
अब राकेश श्याम को आधुनिक हथियार बनाने की विधि बताता है, और दोनों मिलकर कच्चे माल इकट्ठा कर उसे उपयोगी हथियारों में बदल लेते हैं। दोनों कबीलों के बीच युद्ध शुरू हो जाता है, और श्याम का कबीला विजयी होता है।
लेकिन श्याम का कबीला राकेश की बलि दे देता है, क्योंकि उनके भगवान ने सपने में कहा था कि अगर वे जीवित रहना चाहते हैं, तो उन्हें देवदूत की बलि चाहिए।
राकेश की आंखें खुलती हैं और वह पाता है कि वह एक मशीन से जुड़ा हुआ है, जो उसे समय यात्रा के सिमुलेशन में बार-बार भेज रही थी। इस बार राकेश ने कोशिश की कि वह भविष्य में समय यात्रा करे, लेकिन मशीन का मालिक उसे फिर से अतीत में भेज देता है। अब राकेश को यह समझ में नहीं आता कि क्यों उसे बार-बार अतीत में भेजा जा रहा है, जबकि और लोग अपनी मर्जी से भविष्य में जा रहे हैं।
एक दिन, राकेश की आंख फिर से श्याम के पास खुलती है। श्याम कुछ मंत्र बुदबुदा रहा था और राकेश इंतजार कर रहा था कि कोई फ्लैश चमके, लेकिन इस बार कुछ नहीं होता। श्याम राकेश से कहता है, "परेशान होने की जरूरत नहीं है। तुमसे पहले भी एक लड़का यहां आया था, जो खुद को देवदूत समझ रहा था और समय यात्रा की कहानी सुना रहा था। मैंने उसे ठीक कर दिया। देखो, इस चकाचौंध की दुनिया में लोग पागल जैसी हरकतें कर रहे हैं, इसलिए मैं अभी भी इस झोपड़ी में रहता हूं।"
राकेश झोपड़ी से बाहर निकलता है, और वह खुद को एक सुंदर और चमचमाते नगर में पाता है। श्याम उसे मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया बताता है और कहता है कि वह कोई समय यात्री नहीं है, बल्कि उसे मानसिक समस्या है। नगर से कुछ लोग राकेश को लेकर जाते हैं और उसे अपनी लैब में ले जाकर उसके टाइम ट्रैवल प्रोजेक्ट के बारे में बताते हैं। वे उसे जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कहते हैं।
असल में, राकेश एक टाइम ट्रैवल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, लेकिन उसे बार बार फ्लैश लाइट दिखाई देती है जिसके कारण उसे भ्रम हो गया। इस कारण कंपनी के लोग उसे थेरपी के लिए श्याम के पास भेजते हैं। और यह सब कुछ अम्ब्रेला कॉर्पोरेशन कंट्रोल कर रहा था, जो राकेश को यह विश्वास दिला रहा था कि वह उनकी कंपनी के लिए काम करता है, ताकि वह उनके लिए टाइम ट्रैवल मशीन बना सके। इससे पहले राकेश खुद के लिए टाइम ट्रैवेल मशीन बनाने कि कोशिश कर रहा था उसके बाद अम्ब्रेला कॉर्पोरेशन ने राकेश को काम का ऑफर दिया लेकिन राकेश ने मना कर दिया इसलिए अम्ब्रेला कॉर्पोरेशन ने यह छोटा सा मनो प्रयोग राकेश के साथ किया जिसमे उसे एक लैब में सिमुलेशन में भेजा गया उसके बाद उसे बेहोश करके श्याम के पास भेजा
राकेश अब अपनी असलियत जानने की कोशिश करता है, लेकिन उसे समझ में नहीं आता कि वह किस दुनिया में फंसा है। क्या वह एक मानसिक बीमारी से जूझ रहा है, या उसकी खुद की बनाई हुई टाइम ट्रैवल मशीन उसे अलग-अलग समयों में भेज रही है?

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