ये जो रंगीन दुनिया है, वो रंगों से नहीं, खून, ख़्वाब और ख़ामोशी से बनी है। यहाँ हँसी भी बिकती है और आंसू भी, बस दाम चाहिए— इंसानियत नहीं। मैंने देखा है एक आदमी को जो अपनी मजूरी से एक सपना स…
सुभाष जो आज अपने महिला मित्र किरण के सपनों को एनालाइज कर रहा है। किरण को बहुत डरावने और एंजाइटी ड्रीम आते हैं। सपनों में किरण को कोई बहुत परेशान करता है। वह उसके बाल खींचता है और उसका सिर दबाकर उस…
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