प्रकाश जो अभी अभी नींद से जागा है वह अपने आप को एक अंधेरे कमरे में बंद पाता है उस कमरे में शीशे की टाइल लगी हुई थी जिनपर चलने पर उनमे थोड़ा रोशनी आ जाती थी उस कमरे का कोई छोर नहीं था वह गुंबद जैसे आकार में था प्रकाश एक वेडिंग फोटोग्राफर है जिसका सबसे अच्छा सहयोगी पारस है वह भी एक वेडिंग फोटोग्राफर है हाल में ही उन्होंने इलेवन को अपनी साजिश के द्वारा इस बिजनेस से अलग कर दिया इलेवन ने उस कमरे को बनाया है जहाँ आने वाले की हर इच्छा पूरी होती है लेकिन वहां एक दैत्य रहता है जो इलेवन के क्रिएशन मे एक बग की तरह काम करती है इलेवन जब भी उस कमरे में आता है तो वो बग उसे परेशान करता है
प्रकाश उस कमरे में जो भी सोचता है वह उसी समय सच हो जाता है लेकिन उसकी कुछ सीमाएं हैं वो उस कमरे से अपनी मर्जी से उस से बाहर नहीं निकल सकता वह तब ही बाहर आएगा जब इलेवन चाहेगा प्रकाश को बहुत भूख लगी थी इसलिए वह भोजन मिठाई और फल के बारे में सोचता है वह सब उसे उसी समय मिल जाता है प्रकाश बहुत खुश हो जाता है वह अपना पेट भरकर आराम करने लगता है तभी एक दैत्य उसके सपनों में आकर उसे परेशान करने लग जाता है वह दैत्य उसे सोने नहीं देता उसकी जब नींद खुलती है तो वह अपने बिस्तर पर होता है उसके बाद अब हर रोज वह दैत्य उसके नींद में आता है और उसे सोने नहीं देता प्रकाश अपने करीबी दोस्त पारस से मदद मांगता है पारस उसे अपने पिताजी के पास ले आता है जो उस गाँव में लोगों पर काला जादू करवाया करता था पारस का पिता सुरेंद्र उस पर उपरी हवा का चक्कर बताता है सुरेंद्र अपने घर पर एक तांत्रिक प्रह्लाद मिश्र को बुलाता है मिश्र उसे एक कर्मकांड करने को कहता है जिसमें एक बेजुबान की बलि देकर उसे उस उपरी हवा से बचाया जा सके वह लोग अपना रीचुअल पूरा करते हैं लेकिन वो दैत्य फिर भी उसका पीछा करता है और रात को नींद में उसे परेशान करता है प्रकाश अलग अलग उपाय करता है लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ फिर वह थक हार कर वह इलेवन के पास जाता है क्योंकि इलेवन ने एक संदेश प्रकाश के लिए भेजा था कि कोई रीचुअल भक्ति कर्मकांड उस से तुम्हें मुक्त नहीं कर सकती वह इस ब्रहमांड का एक बग है जो हमारे दिमाग में है वह सदा रहेगा उसे हराने का कोई उपाय नहीं है प्रकाश इलेवन के रूम में आता है जो बहुत गंदा था इलेवन उसे सम्मोहन से फिर से उसी कमरे में भेजता है और प्रकाश से उससे बात करने को कहता है प्रकाश उस दैत्य से बात करने की कोशिश करता है प्रकाश उस से उसका नाम पूछता है लेकिन वह दैत्य पीठ को प्रकाश के तरफ करके चुप खड़ा रहता है प्रकाश के नाक से खून निकलने लगता है इसलिए इलेवन उसे उस सम्मोहन से जल्दी से बाहर निकाल देता है अब प्रकाश इससे बाहर आने का उपाय इलेवन से मांगता है इलेवन कहता है तुम इस कमरे में पारस को भेजना यही एक मात्र तरीका है उस से बचने का तुम जब भी इस कमरे में जाओ पारस को अपने पास इमेजिंग करना पारस उस कमरे में आ जाएगा प्रकाश यही करता है वह उस कमरे में अब पारस को भेज देता है दैत्य प्रकाश के सपनों में आना नहीं छोड़ता लेकिन प्रकाश को सांत्वना मिल जाता है कि अब कोई और दूसरा है जो उसके बातों पर यकीन करेगा और जो उसके साथ उस कमरे का एहसास कर पाएगा और अब प्रकाश को उस दैत्य से चिंता और घबराहट और पागलपन भी नहीं होता वह अब चैन से सो पाता है इसे देखकर इलेवन खुश हो जाता है और फिर से उस कमरे को और अधिक खूबसूरत बनाने में लग जाता है उसकी खूबसूरती उतनी ही खतरनाक है जितना दैत्य.
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