यह 0 एक कॉमन ट्रेप है जो वजूद के बोझ कहानी में बडकोट में रहने वाली लड़की चित्रा के जीवन को दर्शाता है इसकी व्याख्या कुछ दिनों बाद आएगी
मैं हमेशा एक जगह बैठा रहता हूं कोई विचार नहीं कोई तरंग नहीं मैं चुप चाप बस देखता हूं खुद की हकीकत को दुनिया की शोहरत को और दुख मय जीवन को मुझ से कोई पूछता भी नहीं मैं किसी को बताना भी नहीं चा…
AFTER LIFE — अध्याय 1 “सपनों में निर्मित मृत्यु” ( आज से 1 मिलियन ईयर बाद, धरती पर केवल 7 लोग मानव-रोबोटिक हाइब्रिड (मानव-यांत्रिक जीव) हैं — और सभी इंसान।) एक मिलियन साल बाद धरती शांत थी। इतनी शां…
मैं संघर्ष की एक लकीर खिंच रहा हूं उसे प्रतिदिन पानी से सिंच रहा हूं मेरा मन तो समुद्री सा शांत है लगता है उन लहरों को कोई चांद अपनी और खिंच रहा है मेरी खिंची गई लकीर अब एक खड्डा बन गई है सब …
मैं हमेशा एक जगह बैठा रहता हूं कोई विचार नहीं कोई तरंग नहीं मैं चुप चाप बस देखता हूं खुद की हकीकत को दुनिया की शोहरत को और दुख मय जीवन को मुझ से कोई पूछता भी नहीं मैं किसी को बताना भी नहीं चा…
एक सफर जो अधूरे सपनों तक जाता है मैं हर दिन संघर्ष करता हूं उन सपनों को सफर की मंजिल तक पहुंचाने की उनके लिए एक एक पल जीता हूं फिर सब कुछ भूल कर काम पर चल देता हूं काम कुछ मेहनत का नहीं है मेरा …
सुरेश अपने कमरे से बाहर झांकता है तो उसे दूर दूर तक मन को शांत कर देने वाली हरियाली दिखाई देती है घास के मैदान उसके मन को शांति से भर देते हैं इतने में ही उसे एक कॉल आता है जिसे सुनने के बाद उसके रो…
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